जितेन्द्र पंवार ।
डग (झालावाड़)

झालावाड़ जिले के डग कस्बे में चल रही नव दिवसीय श्रीमद् देवीय भागवत कथा के तीसरे दिन महामंडलेश्वर ध्यान योगी श्री उत्तम स्वामी महाराज ने कथा के दौरान कहा कि परमात्मा का नाम शांति प्रदान करता है, कथा श्रवण जीवन में ईश्वर की अनुभूति कराता है, उन्होंने कहा कि पूर्व जन्म का प्रारब्ध है जो आपको यहां भोगना ही पड़ेगा,शरीर के प्रदर्शन से बेहतर है आपके सद्गुणों का प्रदर्शन हो,अपने बच्चों को मर्यादित रहने के संस्कार दे जो आज पाश्चात संस्कृति को अपना रहे हैं और विदेशी भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे है ।
उन्होंने कहा कि चोरी करने से अच्छा सुदामा ने दरिद्र होकर रहना स्वीकार किया इसलिए जीवन में किसी भी प्रकार की कभी चोरी नहीं करे,पत्रिका मिला कर विवाह मत कीजिए साधना करवाकर विवाह करवाना ही गुण मिलान हैं, कथा की मर्यादा होती हैं,सत्य परेशान हो सकता हैं पराजित नहीं, आप तो इसे अपना प्रारब्ध मानकर चलते रहो समय एक दिन जवाब जरूर देगा । ध्यान योगी उत्तम स्वामी जी ने अपनी कथा में सतगुण रजो गुण व तमो गुण के बारे में बताते हुए कहा कि शारीरिक उपवास नहीं वैचारिक उपवास की आज नितांत आवश्यकता है,जिसको मां का आश्रय मिलता है उसकी आंखों में कभी अश्रु आ ही नहीं सकते ।
ज्ञात हो कि श्रीमद् देवी भागवत कथा में आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों सहित बड़ी संख्या में महिलाएं कथा श्रवण करने पहुंच रही है इस दौरान कथा में पुलिस प्रशासन मुस्तैद नजर आया, क्योंकि कथा के प्रथम दिन दो महिलाओं के गले से चोरों ने सोने की चेन झपट ली थी जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है ।