जितेन्द्र पंवार ।
डग, झालावाड़

झालावाड़ जिले के डग नगर में मोहर्रम की 11तारीख के दिन गणेश चौक से दोपहर बाद ताजिया जुलूस महज़ एक परंपरा नहीं, बल्कि इमामे हुसैन की शहादत को सलाम पेश करने वाली रूहानी यात्रा थी। जुलूस में शामिल अकिदत मंदो की भीड़ नहीं, बल्कि हर चेहरा, हर कदम, हर अश्क इमाम की याद का अक्स था।
“या हुसैन, या अली” की सदाओं से मेन बाजार से पुराना बस स्टेंड तक गूंज रही थीं। मोमिनों ने अपनी मन्नते पूरी होने पर फूल चढ़ाए, बच्चों को तोलकर मिठाई और फल तक्सीम किए गए ।
ताजिया जुलूस नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरता हुआ शाम 5 बजे पुराना बस स्टेंड पहुंचा ,जहां से कर्बला के लिये रवाना हुए,पूरे रास्ते में अखाड़ों का प्रदर्शन कर लॉक का करतब भी किया गया, डीजे -नगाड़ों की थाप और नारे इमामे हुसैन की याद को ताजा बनाए रखे हुए थे। हर जुबां पर सलाम था, हर दिल में सच्ची अकीदत थी।
शेख सलीम ने बताया कि इमाम हुसैन की याद में एकता, इंसानियत और मुहब्बत की मिसाल थी। इमामे हुसैन की मोहब्बत और उनका पैग़ाम आज भी हर मोमिन के दिलों व रगों में उसी तरह बहता है।

*नौजवान कमेटी ने बुधवारिया गेट के पास लंगर लगाकर कर तबरूख तक्सीम किया*
अंजुमन कमेटी ने अखाड़े के उस्ताद, मोहर्रम कमेटी के सदर की दस्तार बंदी की, पंचायत समिति प्रधान व भीम आर्मी ने जुलूस का फूल बरसा कर तो कहीं शरबत पिला कर स्वागत किया,
संपूर्ण आयोजन को सफल बनाने में पुलिस अधिकारियों एवं प्रशासनिक अमले का विशेष सहयोग रहा। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मुस्तैदी से उपस्थित रहकर उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी, जिससे जुलूस शांतिपूर्वक और भावनात्मक माहौल में संपन्न हो सका।
*मोहर्रम की बारह तारीख को तबर्रुक तकसिम किया गया*

मोहर्रम की 12 तारीख को गैब शाह कमेटी कि जानिब से गैब शाह बाबा के आस्ताने के पास हलिम बनाया गया, कमेटी के सभी सदस्यों कि आस्ताने परिसर मे दस्तार बंदी करने के बाद हाफिज मुबारिक हुसेन ने फातिहा दी उसके बाद सभी मोमिनों को बैठा कर लंगर खिलाया गया ।