
भवानीमंडी नगर में मुनि आदित्य सागर ससंघ का सोमवार को मंगल प्रवेश हुआ। समाज अध्यक्ष विजय जैन जूली ने बताया कि मिश्रौली नगर में पंचकल्याणक महोत्सव सानंद संपन्न करवाने के बाद मुनि आदित्य सागर महाराज ससंघ ने कोटा की ओर विहार कर लिया। जहां मुनि संघ ने रविवार रात्रि देवरिया स्थित महाविद्यालय में रात्रि विश्राम के पश्चात सोमवार सुबह भवानीमंडी नगर में बस स्टैंड मार्ग से प्रातःकाल 6:30 बजे मंगल प्रवेश किया। जहां समाजजनों द्वारा संघ की भव्य अगवानी की गई। मुनि आदित्य सागर के सानिध्य में जैन बोर्डिंग में भक्तांबर महामंडल विधान का आयोजन किया गया। जिसमें सौधर्म इंद्र के लाभार्थी राजेश सांवला विशाल, सांवला परिवार, कुबेर इंद्र के लाभार्थी संतोष पाटनी, प्रदीप पाटनी, संजय पाटनी परिवार व 21 परिवार सामान्य इंद्र बनने के लाभार्थी रहे। मुनि अप्रमित्त सागर सागर महाराज के निर्देशन में सोमवार दोपहर साढ़े 12 बजे से 5 तक संगीतमय भक्तांबर महामंडल विधान का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने झूमते हुए प्रभु की भक्ति की। इसके पश्चात संघ ने शाम 5:15 बजे रामगंजमंडी की ओर विहार कर लिया, जहां रात्रि विश्राम बोरदा में रहेगा।
किसी भी विषय की अधिकता जहर का कार्य करती है:- मुनि आदित्य सागर
मुनि आदित्य सागर महाराज ने अपनी मंगल देशना में बताया कि नीतिकार हमें व्यक्तित्व के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं। जन्म लेने से कोई महान नहीं होता अच्छा व्यक्तित्व होने से व्यक्ति महान बनता है। आवश्यकता से अधिक हर वस्तु हानिकारक है। किसी को जरूरत से ज्यादा दिया गया वक्त भी सही नहीं है। अपने वक्त का सदैव सदुपयोग करें। क्यों ना हम जल खत्म होने से पहले ही उसकी कीमत कर ले, अभी नहीं करोगे तो पछताओगे। जहां जरूरत ना हो वहां ना ही बोले। बातचीत में कम से कम शब्दों का प्रयोग करें।